The Basic Principles Of sidh kunjika
The Basic Principles Of sidh kunjika
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नमः कैटभहारिण्यै नमस्ते महिषार्दिनि ॥ ६ ॥
अं कं चं टं तं पं यं शं वीं दुं ऐं वीं हं क्षं
न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस्यकम्।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति त्रयोदशोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः
न तस्य जायते सिद्धिररण्ये रोदनं यथा।।
ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा।”
सिद्ध more info कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने से विपदाएं स्वत: ही दूर हो जाती हैं और समस्त कष्ट से मुक्ति मिलती है। यह सिद्ध स्त्रोत है और इसे करने से दुर्गासप्तशती पढ़ने के समान पुण्य मिलता है।
श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि
कुंजिकापाठमात्रेण दुर्गापाठफलं लभेत्।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः
सां सीं सूं सप्तशती देव्या मंत्र सिद्धिं कुरुष्व मे॥
देवी माहात्म्यं अपराध क्षमापणा स्तोत्रम्
भ्रां भ्रीं भ्रूं भैरवी भद्रे भवान्यै ते नमो नमः।।